बंजारे कौन है?? और बंजारे कहां से आए?? बंजारों का सच्चा इतिहास क्या है? यह सवाल ज्यादातर लोगों के माइंड में आता रहता है कुछ भाई लोग नेट पर सर्च करते हैं कि बंजारे कौन है?? बंजारे कहां से आये?? पर उन्हें सटीक उत्तर नहीं मिलता है ज्यादातर नेट पर बंजारों को नाचने गाने वाला ही बताया गया जबकि बंजारों का इतिहास बहुत ही अलग और बहुत ही गौरव-शाली रहा है
Banjara History Of Banjara |
बंजारे कौन है?? बंजारे कहां से आए?? बंजारा जाति का इतिहास क्या है??
दोस्तों दोस्तों यूं तो भारत देश पर कई प्रकार के धर्म व कई प्रकार की जातियां उपजातियां हैं उन्ही जातियों में से एक जाती है बंजारा जाति जो की अति प्राचीन जाती है बंजारा जाति अपनी संस्कृति की वजह से जानी जाती है
बंजारा शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई??
भाइयों हम बंजारों को बंजारा जाति के नाम से जानते हैं यह बंजारा शब्द तो व्यवसाय सूचक शब्द है बताया जाता है कि बंजारों की उत्पत्ति भगवान शिव जी के गणों से हुई थी। भगवान शिवजी ने इन गणों को अपनी नंदीश्वर यानी जानवरों की रक्षा करने का काम सौंपा था इसी वजह से बंजारे जानवरों की देखभाल करते हुए जानवरों द्वारा ही व्यवसाय करने लगे थे और व्यवसाय करने के कारण इन्हें बंजारा नाम से पुकारा जाने लगा
क्या बंजारे क्षत्रिय है??
बंजारे अपने आप को क्षत्रिय यानि शुद्ध राजपूत भी बोलते हैं और यह बात बिल्कुल सत्य भी है कि बंजारा क्षत्रिय हैं क्योंकि बंजारों की गोत्र और राजपूत क्षत्रियों की गोत्र भी लगभग मिलती-जुलती होती है बंजारा जाति में भी चौहान, पवार, राठौड़ और भी कई गोत्र मिलती-जुलती होती है
हम पहले भी एक और पोस्ट लिखी थी जिसमें हमने बताया था कि बंजारे क्षत्रिय हैं अगर आप वो पोस्ट नहीं देखें हैं तो देख लिजिए जिससे आप समझ पाएंगे कि बंजारे क्षत्रिय ही हैं लिंक हम इस पोस्ट के नीचे दे देंगे
बंजारा जाति बहुत ही पवित्र जाति है लेकिन अंग्रेजों द्वारा बंजारों को बदनाम कर देने के कारण बंजारा जाति को गलत नजरों से देखा जाने लगा था जबकी बंजारों का इतिहास बहुत ही गौरव-शाली रहा है
बंजारे कहां से आए?? बंजारों की उत्पत्ति कहां से हुई??
बंजारे कहां से आए?? इस पर भी कई इतिहासकारों ने अपने अलग-अलग मत रखें हैं और कुछ लोग अभी भी इस पर रिसर्च करने में लगे। बंजारों की बोली भाषा,रहन-सहन,व रीती रिवाज सब कुछ देखते हुए अगर हम यह कहें कि बंजारों का जन्म स्थान राजस्थान ही है तो गलत नहीं होगा क्योंकि बंजारों की बोली भाषा,रहन-सहन,व पहनावा व रीती रिवाज सब कुछ राजस्थान के लोगों से मिलता जुलता है और वैसे भी बंजारों के बुजुर्ग लोग बंजारों का जन्म स्थान राजस्थान ही बताते हैं।कहते हैं कि- बंजारे राजिस्थान से ही सारे देश में फैले हुए हैं
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